ये 3 औरते तुलसी को भूल से भी जल ना चढाये रूठ जाती है देवी लक्ष्मी | Tulsi ko jal chadhana

 


नमस्कार आप सभी का स्वागत है ऐसी महिलाओं को तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए,  तुलसी का पौधा प्रत्येक हिंदू घर में होता है। प्राचीन ग्रंथों में तुलसी के पौधे का महत्त्व बताया गया है, ये पृथ्वी पर स्थित सभी पवित्र वनस्पतियो में से एक है। तुलसी का पौधा कई प्रकार के रोगों का नाश करने वाला तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने वाला है। तुलसी का पौधा घर में होने से सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है,    और घर से रोग और बीमारियां दूर रहती है। इसी कारण प्राचीन ऋषि मुनियों ने

तुलसी की पूजा करने का विधान किया गया है, रोज़ अगर कोई व्यक्ति तुलसी के पत्र खाता है तो वो कई प्रकार के रोगों से दूर रहता है,   यह मनुष्य के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी गुणकारी औषधि है और आज का विज्ञान भी इस बात को मानता है,    लेकिन शास्त्रों में तुलसी के पौधे से जुड़ी कुछ ऐसी मान्यताएँ हैं, जो तुलसी का पौधा लगाते समय ध्यान में रखनी चाहिए।

तुलसी का पौधा किसी भी बृहस्पतिवार को लगा सकते हैं,    तुलसी का पौधा लगाने के लिए कार्तिक का महीना सबसे उत्तम माना जाता है,   कार्तिक महीने में तुलसी के पौधे की पूजा से हर मनोकामना पूर्ण होती हैं,   तुलसी का पौधा घर या आंगन के बीच में लगाना चाहिए,   आपके सोने के कमरे की बालकनी में भी तुलसी का पौधा लगा सकते हैं,   सुबह तुलसी के पौधे को पानी चढ़ा कर उसकी परिक्रमा करनी चाहिए। शाम को तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाना सर्वोत्तम होता है,   इससे घर में सुख समृद्धि बनी रहती हैं,    तुलसी पूजा में भूलकर भी ना करें ये गलतियाँ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी को लेकर कुछ विशेष नियम बताए गए हैं,  जिनका ध्यान रखने से खराब से खराब किस्मत भी चमक जाती है,  

तुलसी के पत्ते हमेशा सुबह के समय तोड़ने चाहिए। रविवार के दिन तुलसी के पौधे के नीचे दीपक ना जलाये,    भगवान विष्णु और उनके अवतारों को तुलसी दल जरूर अर्पित करें,  भगवान गणेश और माँ दुर्गा को तुलसी कतई न चढ़ाएं,    तुलसी के पत्ते कभी बासी नहीं होते ही इसे कारण पूजा में तुलसी के पुराने पत्तों का भी प्रयोग किया जा सकता है, चंद्रग्रहण के दौरान अन्य में तुलसी के पत्र रखने पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है, आइए अब जानते हैं कि लोगों को तुलसी का पौधा नहीं लगाना चाहिए और इसकी पूजा

कौन सी महिलाएं नहीं कर सकती,  तुलसी का पौधा भुत का प्रतिनिधित्व करता है,  जो भगवान कृष्ण का एक स्वरूप माना गया है,  भगवान कृष्ण को तुलसी सर्वाधिक प्रिय है,    भगवान कृष्ण को कोई भी भोग बिना तुलसी के नहीं लगाया जाता,  जिंस परिवार के लोग भगवान श्रीकृष्ण को मानते हैं,   उनके घर में तुलसी का पौधा जरूर होना चाहिए

और इन्हें भगवान कृष्ण के साथ तुलसी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इससे घर में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। तुलसी को परम वैष्णव माना गया है अर्थात ये भगवान विष्णु का प्रिय पौधा है,    जिसप्रकार भगवान विष्णु जी की पूजा में तामसिक चीजों का इस्तेमाल नहीं किया जाता, उसी प्रकार तामसिक क्रिया करने वाले लोगों को अपने घर में तुलसी का पौधा नहीं लगाना चाहिए या अशुभ फल देता है,    

अर्थात जीस घर में मांस पकाया एवं खाया जाता है,   ऐसे घर में तुलसी का पौधा नहीं लगाना चाहिए,   भगवान विष्णु के भक्तों के लिए मद्यपान वर्जित माना गया है, जिसे घर के लोग शराब पीते हैं अथवा जीस घर में बैठकर लोग मध्य का सेवन करते हैं,   ऐसे घर में तुलसी का पौधा

नहीं होना चाहिए,   उस स्थान पर तुलसी रखने से लाभ की बजाय हानि पहुंचती है,   अगर आप इन कठोर नियमों का पालन नहीं कर सकते तो घर में तुलसी का पौधा भूल से भी ना लगाये, कभी भी तुलसी के पौधे को दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए क्योंकि इस दिशा में रखी गई तुलसी हमेशा अशुभ फल देती है, तुलसी को हमेशा उत्तर दिशा में लगाना चाहिए जो की बुध दिशा मानी जाती है,    तुलसी को कभी भी जमीन में ना लगाये तुलसी को हमेशा गमले में लगाना चाहिए,    जमीन में लगाने पर तुलसी

फल प्रदान करती है, जिसका असर घर के सदस्यों की सेहत पर पड़ता है, अगर किसी स्त्री का मासिकधर्म चल रहा हो तो उसे भी तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए, जब द्रौपदी को वस्त्रहरण के लिए दुशासन उन्हें लेने के लिए गया था तो ऐसा माना जाता है, उस समय द्रौपदी का मासिक धर्म चल रहा था और इसी वजह से वो अपने कक्ष में ना रहकर दूसरे कक्ष में एक वस्त्र में विश्राम कर रहीं थीं और किसी भी पवित्र स्थान पर नहीं जाती थी, इसी कारण हम देख सकते हैं कि प्राचीन काल से ही ऐसी मान्यता है,   कि मासिक धर्म के दौरान

किसी भी पवित्र स्थान पर स्त्रियों को जाने से रोका जाता है, इसी कारण तुलसी की पूजा भी मासिक धर्म के दौरान नहीं करनी चाहिए,    दूसरी स्त्री है चरित्रहीन स्त्री  तुलसी एक पवित्र पौधा है, और इसकी पूजा केवल पतिव्रता स्त्री ही कर सकती है,   जो श्री कई पुरुषों संग संबंध रखती हो उसे तुलसी की पूजा का बुरा फल मिलता है, तीसरी है दुष्ट  श्री शास्त्रों के अनुसार जो स्त्री दुष्ट हो, दूसरों के साथ कपट करने वाली हो, दूसरों के अन् य में विश् डालने वाली हो, ऐसी स्त्री के द्वारा तुलसी की पूजा की जाए, 

तो उसे इसका अशुभ फल ही प्राप्त होगा,   तो ये थे वो तुलसी के पौधे से जुड़े नियम अगर आपको ये जानकारी पसंद आई तो पोस्ट  शेयर  करें, कमेन्ट करें और परिवार के साथ शेयर करें।

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