मन को अपने काबू में कैसे करे ? Life Changing Advice For Youth

 

एज 14 से 25 साल और खासकर 12,  13 और 14 वो है, जब हम प्यूबर्टी में इंटर करते हैं। प्यूबर्टी यानी की युवन अवस्था। इस एज में हमारी बॉडी में कई सारे हार्मोनल चेंजस होने लगते हैं। जैसे की हमारी आवाज थोड़ी भारी होने लगती है। अपोज़िट जेंडर के लिए अट्रैक्शन बढ़ने लगता है। इन शोर्ट हमारा बचपन खत्म होने लगता है और हम बच्चे से ऐडल्ट बनने लग जाते हैं। कई सारी चीजे हमें बहुत ही परेशान करती है। कई सारी चीजों से हम बहुत ही डिस्ट्रिक्ट होने लगते हैं। हम अपोज़िट जेंडर से इतने अट्रैक्ट हो जाते हैं कि हम सब भूल  जाते हैं। हमारी लाइफ का सिर्फ एक ही पर्पस होता है की मुझे वो मिलनी चाहिए या फिर मिलना चाहिए।

बाकि  जिंदगी में और कुछ भी नहीं और ये सबकुछ आपके साथ में होता है। इट्स नॉर्मल अच्छे अच्छे लोगों का मन भटक जाता है तो फिर आप क्या चीज़ हो? लेकिन वो लाइफ लेसन आज में आपको देने वाला हूँ, जो लगभग 2000 साल पहले चाणक्य ने चंद्रगुप्त को दिया था और यकीन मानिए ये जो एडवाइस है या आपकी जिंदगी बदल सकती है, हजारों लाखों लोगों की जिंदगी बचा सकती है और आप को एक महान इंसान बना सकती है। यह एक एडवाइस चन्द्रगुप्त मौर्य एक बार एक लड़के से अट्रैक्ट होने लगते हैं। उनके मन में भी एक अजीब सी फीलिंग आने लगती है। उन फीलिंग्स की वजह से वो अंदर ही अंदर तड़पने लगते हैं।

और तभी उन्होंने यह बात आचार्य चाणक्य को बताई पर आचार्य चाणक्य ने इस पर कहा कि चंद्रगुप्ता इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है। मैंने तुम्हें कई सारी विद्या सिखाई, लेकिन अपने मन को कंट्रोल करने के लिए मैं तुम्हें कोई ज्ञान नहीं दे पाया  और खासकर इसी संवेदनशील फीलिंग्स को संभालने के बारे में जो कि इस पर यूनिवर्स का और गणित का ज्ञान तो आपको किताबों में मिल जाएगा। लेकिन हमारे माइंड के अटैचमेंट से जो फीलिंग्स आ रही है, उसे सिर्फ एक्सपिरियंस करके ही समझा जा सकता है और तभी आचार्य चाणक्य कहते है की मेरा ये मानना है कि बच्चों को एक से 5 साल तक अपने दिल का टुकड़ा मानकर उसे बहुत प्यार करना चाहिए।

और फिर अगले पांच सालों से कड़े अनुशासन और डिसिप्लिन में रखना चाहिए और जब वो 16 साल का हो जाये तब उसे अपना दोस्त बना लेना चाहिए। तो अब तुम मेरे दोस्त चंद्रगुप्त और मैं तुम्हें अपने एक्सपीरियंस के दम पर तुम्हारे मन को इन फिलीज़ और डिस्ट्रैक्शन से बचने का तरीका बता सकता हूँ। अभी तुम्हारे दिल में एक अलग ही पेन हो रहा होगा और अजीब सी फीलिंग्स हो रही होगी। ऐसी फ़ीलिंग जो की आज तक तुमको कभी नहीं हुई होगी। तुमको लग रहा होगा कि दुनिया में सिर्फ मुझे ही इतनी बड़ी फीलिंग्स और पेन हुआ है, लेकिन ये सिर्फ एक साधारण सा आकर्षण मात्र है। एक पुरुष का स्त्री के लिए

आकर्षण एक बॉय का गर्ल  के लिए अट्रैक्शन लेकिन अगर इस अट्रैक्शन को इसके प्रभाव को कम नहीं किया गया तो इसके बहुत बुरे रिज़ल्ट हो सकते हैं। एक बात हमेशा याद रखना की दुनिया में आत्मिक ज्ञान से बड़ा कोई भी आनंद नहीं।

कामुकता से बड़ी कोई व्याधी नहीं  की सेक्शुएलिटी से बड़ी कोई प्रॉब्लम नहीं है और शारीरिक आकर्षण से बड़ा कोई शत्रु नहीं। तभी चंद्रगुप्ता आचार्य चाणक्य से पूछते हैं की क्या एक मेल और फीमेल का मिलना कोई बुरी बात है ? तभी चाणक्य ने कहा बिल्कुल भी नहीं। एक नॉर्मल इंसान के लिए ये बिल्कुल नॉर्मल है लेकिन जिन्हें महान बनना है, जिन्होंने अपने लिए एक महान लक्ष्य निर्धारित किया है उनके लिए ये बहुत ही घातक होगा। ये तो मैं अंदर से खोखला कर देगा। जिनके मन पर लव

अटैचमेंट और अट्रैक्शन है। डेरा जमा रखा हो वो अपने कर्तव्य का पालन करने में असमर्थ हो जाते है। वो हमेशा इनसेक्युर रहेगा। ये किसी किसान, बिज़नेस मैन या फिर एक नॉर्मल इंसान के लिए साधारण हो सकता है, लेकिन जिसने अखंड भारत के सम्राट बनने का लक्ष्य निर्धारित किया हो।

उसके लिए प्यार, अट्रैक्शन, अटैचमेंट, कामुकता उसके पतन का कारण बनती है। तभी चंद्र गुप्ता ने पूछा कि आचार्य कभी कभी तो लगता है कि इस लक्ष्य को पाने के लिए अगर इतना बड़ा मूल्य नहीं चुकाना पड़ता तो तभी आचार्य चाणक्य ने कहा कि साधारण मूल्य चुकाकर अगर इतना बड़ा लक्ष्य मिल पाता तो कोई भी अखंड भारत का निर्माण कर लेता। फिर ना तो किसी चाणक्य की जरूरत होती और ना ही किसी चंद्रगुप्त की। अगर आप अभी तक इस वीडियो में बने हुए हो तब मेरी बात आप ध्यान से सुनो। अगर आप नॉर्मल लाइफ जीना चाहते हो

30 से ₹40,000 की जॉब है, फिर कुछ छोटा मोटा ही काम करना चाहते हो तो ये चीज़ आपको इतना नहीं रुकेगी। लेकिन अगर आपने अपनी जिंदगी में महान लक्ष्य का सपना देखा है तो शायद ये आपको रोकेगी या फिर आपको बर्बाद भी कर सकती है। ये चीज़ आपका वो सपना जो कि महीनों से और सालो से आप देख रहे थे वो मिनटों में बर्बाद कर के ले जाएगी। आपका ड्रीम ड्रीम रह जाएगा और किसी इंसान को पाना आपका ड्रीम बन जाएगा। आपको लगता होगा कि मेरे लिए वही सब कुछ है। मेरे अंदर तो उसके लिए फीलिंग्स है। वो किसी इंसान के लिए नहीं है। लेकिन जैसा कि आचार्य चाणक्य जी ने कहा कि ये सिर्फ एक साधारण सा

आकर्षण मात्र है, ये सिर्फ हार्मोन्स का खेल है। एक बार आप इसमें पड़ गए कि इस ऐक्ट हो गए तो हर पल आपके मन में एक अजीब सी फ़ीलिंग उठने लगे गी। आप हर वक्त इनसेक्युर होगे, आप सब भूल जाओगे। जिंदगी आपकी है। आपको ही तय करना है कि आपको क्या करना है। मुझे जितना बताना था वो मैंने आपको बता दिया। इस वीडियो को शेयर करना ना भूलें क्योंकि लाखों लोगों के इस पोस्ट  की जरूरत है और ऐसे ही और लाइफ चेंजिंग पोस्ट  को देखने के लिए हमारे चैनल को सब्सक्राइब करके बेल आइकॉन  को प्रेस करे। मैं मिलूंगा आपसे अगले वीडियो में तब तक के लिए जय हिंद जय भारत  धन्वाद

 

 

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