बार-बार ब्रह्मचर्य नाश ये कहानी सुनो | Motivational Story Of Brahmacharya

 

दोस्तों, आज की ब्रह्मचर्य की कहानी हमारे ही चैनल के एक सब्सक्राइबर की है, जिन्होंने टेलीग्राम पर अपने स्टोरी के बारे में मुझे बताया। इस लड़के की कहानी सुनने के बाद आप हीलाना भूल जाओगे अर्थात रोगों से भी आपको मुक्ति मिल जाएगी। इनका नाम अवनीश है और ये टेंथ क्लास के स्टूडेंट हैं और ये पढ़ने में काफी ज्यादा होशियार थे। इनके एग्जाम  में भी नंबर अच्छे आते थे। घरवाले भी अपने इसकी काबिलियत  से काफी खुश थे।

फिर आखिर ऐसा क्या हुआ की अवनीश का जीवन नरक से भी बदतर हो गया। आइए जानते हैं दोस्तों हुआ कुछ ऐसा की अवनीश एक टीचर से डेली कोचिंग लेता था, जो उसे उसके घर पे पढ़ाने आते थे। 1 दिन की बात है अवनीश कोचिंग पढ़ रहा था तो उसके टीचर ने अपना मोबाइल देते हुए अवनिश  से कहा कि मेरे मोबाइल में बैटरी नाममात्र ही बची है। अगर तुम्हारे पास इसका चार्जर हो तो मेरा मोबाइल चार्ज कर दो।

अवनीश  मोबाइल चार्जिंग पर लगा दिया। कोचिंग के बाद अपनी स्किट टीचर अपना मोबाइल लेना ही भूल गए और अपने घर चले गए। अवनीश  पास कोई मोबाइल तो था नहीं तो उसे भी मोबाइल चलाने की ललक थी। इसीलिए उसने वो मोबाइल लिया और उसमें वीडियो गेम खेलने लगा। इसके बाद उसने विडिओ मैनेजर के फ़ोल्डर में जाकर विडिओ देखना स्टार्ट की। लेकिन दुर्भाग्य बस उसके सामने ऐसे वीडिओज़ की लिस्ट आ गई जिसे उसने

आज से पहले कभी नहीं देखा था। ऐसी विडीओ को देखकर अवनीश  डर गया और उसने झट से मोबाइल रख दिया। अवनीश समझ गया कि ऐसी विडीओ बड़े लोग देखते होंगे उन विडीओज  देखने के बाद उसके मन में परिवर्तन आने लगा। 1 दिन की बात है उसके मामा उसके घर पे आए। पिछली बार की तरह अवनीश ने मामा के मोबाइल में भी वैसी ही विडीओज  को पाया। अपने भाई का मोबाइल लिया तो उसमें भी

वैसे ही विडीओज को पाया। फिर क्या था अवनीश के मन में भी वो सब करने की लालसा जाग गईं। अब उसे उन विडीओज देखने की इच्छा होने लगी। उसने अपने पापा से कहा, पापा जी मुझे पढ़ने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अगर हो सके तो आप मुझे एक न्यू स्मार्ट फ़ोन दिलवा दो। अवनीश पापा ने उसकी प्रॉब्लम को समझते हुए उसे थ्री जी स्मार्ट फ़ोन उसके बर्थडे पे उसको गिफ्ट कर दिया। मोबाइल मिलने के बाद फिर तो वहाँ रात दिन

उन्ही  विडीओज को देखकर हस्त क्रिया करने लगा। 1 दिन वहाँ अपने कॉलेज के दोस्तों से मिला। दोस्तों ने उसको कुछ डिफ़रेंट विडीओज़ अवनीश  को दिखाई। अवनीश ने कहा, भाइयो, ऐसी विडीओ मुझे भी देखना है तो उसके मित्रों ने कहा ये बैद  वीडिओज़ हैं। इन्हें देखने के लिए तुम्हें पहले मेंबरशिप लेनी होगी, जिसका तुम्हें पैसा देना पड़ेगा। अवनीश  ने सोचा क्या किया जाये? अचानक उसे याद आया कि उसके पापा का एक क्रेडिट कार्ड है।

वो झट से कॉलेज से घर गया और रात होने का बेसब्री से इंतजार करने लगा। रात होने के बाद उसने दबे पांव से अपने पापा के रूम में जाकर उनकी बरसे क्रेडिट कार्ड निकाल लिया और रूम में आकर उसने पेमेंट कर दिया और वो उन वीडिओज़ की दुनिया में खो कर ब्रह्मचर्य का नाश करने लगा। अवनीश की विचारधारा बदल चुकी थी। अब वो हर एक स्त्री को भोग की दृष्टि से देखने लगा। उसका मन भी

पूरी तरह से दूषित हो चुका था। कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा, लेकिन नेक्स्ट मंथ में जब क्रेडिट कार्ड का बिल आया तो अवनीश के पापा को झटका सा लगा की मैंने कुछ परचेज  भी नहीं किया। ना मैंने कोई शॉपिंग की। आखिरकार इतने सारे पैसे कटे कैसे? उन्होंने घर में हर एक व्यक्ति से पूछा पर किसी के पास कोई जवाब ना था। इसके बाद वो बैंक में गए और बैंक से पूछ्ताछ की तो पता चला की आपके क्रेडिट कार्ड से

ऐसे अश्लील वेबसाइट पर कटे है। अपनी इसके पापा तुरंत समझ गए कि ये सब किया धरा मेरे लड़के का ही है। उन्होंने घर आकर अवनीश की जमकर पिटाई की और उसका मोबाइल छीन लिया। ऐसे हालात देखते हुए उन्होंने अपने इसकी शादी कर दी। लेकिन अवनीश अपनी पत्नी को संतुष्ट नहीं कर पा रहा था क्योंकि उसके शरीर में वीर्य  केवल  नाममात्र ही बचा था। वो बहुत परेशान रहने लगा। उसने कई हकीमों और कई वेदों के चक्कर लगाये।

पर नतीजा कुछ नहीं निकला। अब वो उदास उदास सा रहने लगा। 1 दिन वो हताश होकर हनुमानजी के मंदिर में गया और अपनी की हुई गलतियों को सोच कर रोने लगा। एक संत की अवनीश पर नजर पड़ी। उन्होंने अवनीश से रोने का कारण पूछा तो अवनीश ने अपने जीवन की सारी घटनाओं को कह सुनाया कि महाराज जी मेरा शरीर निर्जीव जैसा हो गया है। कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाता हूँ। ज़रा सा परिश्रम करने पर।

मेरा ब्लड प्रेशर हाई लो होने लगता है। चलते चलते आँखों के सामने अंधेरा छा जाता है। अवनीश ने भांति भांति बीमारियों को उन संत के सामने कह सुनाया। महात्माजी ने उपाय बताते हुए कहा बेटा अवनीश, इस समस्या से बचने के लिए तुम्हें कम से कम एक से 2 साल तक अखंड ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ेगा और अपनी पत्नी को अपने फेवर में करना पड़ेगा और एक बात अपने मन में बिठा लो की चाहे कुछ भी हो जाये।

कुछ भी हो जाये तुम गलत क्रिया नहीं करोगे। तुम्हारा ये दूषित मन तुम्हें गिराने की भरपूर कोशिश करेगा। लेकिन तुम्हें हार नहीं माननी है। जब तुम्हारे मन को भोग नहीं मिलेगा तो यह मरने लगेगा और तुम्हारा दास बन जाएगा। लेकिन तुम्हारा मन तो अभी दूषित है। इसे साफ करना भी बहुत जरूरी है। अगर यह दूषित रहेगा तो ये तुम्हे फिर वही ले जाकर पटक देगा जहाँ से तुमने शुरुआत की थी। इसीलिए

की निर्मलता के लिए उत्तम ग्रंथों का अध्ययन करो और जितना हो सके ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ध्यान की अवस्था में ओम मंत्र का जाप करो और मेरे इस आश्रम पे रात्रि 8:00 बजे नित्य सत्संग होता है। उसे तुम डेली सुनने आना सत्संग  से तुम्हारा मन जल्द निर्मल हो जाएगा और तुम्हारे अंदर जो धातुरोग हैं उन्हें दूर करने के लिए तुम पानी के साथ या दूध के साथ एक चम्मच आंवला चूर्ण का सेवन करो और गलत संगत त्यागो

अपने दिनचर्या सही करो या योगा, प्राणायाम, व्यायाम, मेडिटेशन को डेली करो, सात्विक भोजन करें। तुम्हारी हर समस्या का समाधान हो जाएगा ऐसा मेरा पूरी दिल से विस्वाश हैं, अगर इस विडियो से कोई  भी सवाल हैं तो  आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, अगर आपके मन में कोई सवाल नहीं तो आप यस लिखे 

 

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