निकली हुई ताकत वापस कैसे लाएं || Recover the Lost Energy | Buddhist Story


नमस्कार आपका स्वागत हैं,  जीत इंस्पायर्ड पर, दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम बात करेंगे की हस्तमैथुन सेआई कमजोरी को कैसे दूर करे? मैं आपसे रिक्वेस्ट करता हूँ कि अपने इस चैनल को सब्सक्राइब कर बेल आइकॉन  को प्रेस करे। इससे जब भी मैं इस चैनल पर वीडियो अपलोड करूँ, सबसे पहले आप वीडियो देख सकें। आप हमसे Instragram  पर भी जुड़ सकते हैं। लिंक वीडियो के डिस्क्रिप्शन में मौजूद है। मित्रों आज कल की युवा पीढ़ी इस महाविनाशकारी प्राणघातक रोग से पीड़ित हैं, जिसे हम हस्तमैथुन कहते हैं।

उस इच्छा और कुसंगत के कारण अज्ञानता वश आज केवल मनोरंजन के लिए बालक एवं नवयुवक हस्त क्रिया के द्वारा अपने ब्रह्मचर्य का नाश करके वाल्यावस्था से ही नष्ट हो रहे हैं। अब ना तो वे ग्रस्त जीवन के लायक रह जाते हैं और ना ही व्यक्ति के लायक, क्योंकि वीर्य  ही हमारे शरीर का राजा होता है और इसके चिढ़ होने से शरीर दुर्बल और निस्तेज हो जाता है। वीर्य  की एक भी बूंद निकालने का मतलब है

शरीर को निचोड़ कर उसका रस निकालना। अतः बिंदु पात सब प्रकार की अवनति का मूल है। इसीलिए हस्तमैथुन के द्वारा या और भी किसी माध्यम से जो लोग वीर्य पात करते हैं वे सावधान हो जाएं क्योंकि वे बिल्कुल अपनी मृत्यु का वरण कर रहे हैं और ये अनिष्टकारी चेष्टा उन्हें पुनः प्राप्त नहीं होने देगी। अतः अभी मौका है संभालने का बिंदु नाश करना बिल्कुल भी बंद कर दो।

अन्यथा यह कुकृत्य तुम्हें जर्जर कर देगा, निकृष्ट भावना से युक्त कर देगा उस साहीन और अंदर से खोखला कर देगा तुम्हारी पारमार्थिक या व्यवहारिक अवनति का  प्रधान कारण भी यही हस्त मैथुन क्रिया है। ग्रस्त मैं तो जब पत्नी और पति का सहयोग होता है तब वीर्य  पात होता है, किंतु इस हस्त क्रिया के द्वारा लोग इसमें प्रतिफल जल रहे हैं। मर रहे हैं। एक क्रिया हमें इतना कमजोर और इतना परास्त कर देती है।

की। हम भागवत मार्ग पर चलने के योग्य भी नहीं रह जाते क्योंकि सिर्फ एक निरोगी व्यक्ति ही भजन मार्ग पर चल सकता है और विर्यता ही मनुष्य की सबसे बड़ी संपत्ति है। यही चारों पुरुषार्थों की जड़ है। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष का उत्तम साधन आरोग्य ही है और आरोग्यता का सर्वोत्तम साधन है। ब्रह्मचर्य रोगी वही होता है जो भोगी होता है, जीव जीव  हमारी वीर्य  शक्ति क्षीण होती है।

तिव तिव  ही मनुष्य दुर्बल व रोगी होता चला जाता है। ब्रह्मचारी पुरुष ही आरोग्य हो सकता है। वायदों का कहना है कि यदि एक बरस तक यदि कोई ब्रह्मचर्य का पालन करें तो उसके बड़े से बड़े भयंकर रोग भी जड़ मूल से नष्ट हो जाते हैं। वे बिचारे व्यक्ति को कदापि आरोग्यता प्राप्त नहीं होती किंतु वे रक्षा से प्राप्त होती है। वीर्यवान पुरुष हो सकता है मनुष्य के भोजन का सबसे उत्कृष्ट अंश

वीर्य  है, अतएव यत्न सहित हमें इसकी रक्षा करनी चाहिए, क्योंकि वीर्य के छय  होने से अनेकों प्रकार के रोग उत्पन्न होते हैं और इसका अंतिम परिणाम मृत्यु है। जब कोई व्यक्ति हस्तमैथुन की क्रिया से ग्रसित हो जाता है तो उसके शरीर में जान नहीं रह जाती। ज़रा सा परिश्रम करने के योग्य व्यक्ति नहीं रह जाता, हाथ पैर कमजोरी की वजह से कांपने लगते है, आंखो की रौशनी कम हो जाती है, बाल झरने  की समस्या आ जाती है।

हड्डियों में अकस्मात ही दर्द होने लगता है। हस्तमैथुन से आई कमजोरी को दूर करने के लिए हमें सबसे पहले संकल्प लेना होगा कि आज के बाद हम एक घिनौना काम नहीं करेंगे, भले ही फिर कुछ भी हो जाए। वीर्य ना से आए कमजोरी को दूर करने के लिए आपको ऐलोवेरा का हलवा बना के खाना है। ऐलोवेरा आपने सुना ही होगा ऐलोवेरा बहुत ही ताकतवर होता है। यह हमारे शरीर से वीर्य व कारों की समस्या को जड़ से खत्म कर देता है और हमारे शरीर को ताकतवर बन

देता है। वह इससे हमारा वीर्य भी गाढ़ा हो जाता है। ऐलोवेरा का हलवा बनाने के लिए आपको 100 ग्राम एलोवेरा लेना है, 100 ग्राम देसी घी लेना है और 100 ग्राम बेसन और 100 ग्राम मिस्त्री को लेना है। सबसे पहले वेसन और घी 100, 100 ग्राम भून लें और जब यहाँ दोनों अच्छे से भुन जाए तो ऐलोवेरा का ऊपर का जो हरा पाठ है उसको हटा दें और उसमें से व्हाइट वाले पार्ट के छोटे छोटे पीस करके उस भुने हुए

में डाल दें। जब यहाँ अच्छे से मिक्स हो जाए तो ऊपर से 100 ग्राम मिश्री डाल दें। अगर हलवा जाना गाढ़ा हो जाए तो उसमें थोड़ा सा पानी डाल दें। इस ऐलोवेरा हलवा का सेवन आपको 7 दिन में कम से कम दो से तीन बार करना है और याद रहे इसका सेवन खाली पेट ही करें। यहाँ बहुत ही ताकतवर डाइट है। आप एक बार इसका सेवन जरूर करें। आपके अंदर वीर्य की वृद्धि तेजी से होगी और आपकी कमजोरी को यहाँ

चुटकियों में दूर कर देगा। 

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